छठ पूजा: सूर्य भगवान की अराधना
छठ पूजा: सूर्य भगवान की अराधना
भारतीय सांस्कृतिक विरासत में एक ऐसा त्योहार है जो सूर्य भगवान की अराधना को समर्पित है - छठ पूजा। यह पूजा विशेषकर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, और पश्चिम बंगाल में मनाई जाती है, लेकिन इसका महत्व देशभर में है। इसे 'छठ' के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसे छठी तिथि को मनाया जाता है।
छठ पूजा का महत्व: यह पूजा सूर्य पुत्र कर्ण की अराधना के रूप में जानी जाती है। इसमें व्रत, आराधना, और धार्मिक अनुष्ठान के साथ-साथ गायकी और नृत्य का भी अद्वितीय संबंध है।
पूजा की विधि: छठ पूजा की शुरुआत करने से पहले, व्रती व्यक्ति चार दिनों तक स्पेशल आहार लेता है और समाज में विचारशील रहता है। छठी तिथि को, सूर्योदय के समय, व्रती व्यक्ति अपने घर के किनारे स्थित जल स्रोत में जाकर सूर्य भगवान की पूजा करता है।
गायकी और नृत्य: छठ पूजा में गायकी और नृत्य का बहुत बड़ा हिस्सा है। व्रती गायकों के साथ मिलकर विशेष छठ गीतों को गाते हैं और नृत्य करते हैं। यह समारोह एक उत्कृष्ट सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करता है जिसमें भक्ति और सांस्कृतिक एकता का माहौल होता है।
निष्कर्ष: छठ पूजा एक अद्वितीय धार्मिक उत्सव है जो सूर्य देवता की पूजा के माध्यम से समृद्धि और सुख-शांति की कामना करता है। इसका महत्वपूर्ण हिस्सा गायकी, नृत्य, और सांस्कृतिक सामरस्य है, जो लोगों को एक साथ लाकर समृद्धि और समरसता का अहसास कराता है।
छठ पूजा के इस महत्वपूर्ण पर्व के दिन, हम सभी को सूर्य भगवान की अराधना में सामिल होने का आनंद लेना चाहिए। यह एक सांस्कृतिक आधारित त्योहार है जो समृद्धि, समरसता, और धार्मिक एकता का संदेश देता है।
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