Mere Naam Tu LYRICS WITH DOWNLOADABLE LINK | Zero | Female Cover | Shreya Jain | ft. Vivart | Team Fotilo Feller
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MERE NAAM TU LYRICS IN HINDI
वो
रंग भी क्या
रंग है
मिलता ना
जो तेरे होठ
के रंग से
हुबहू
वो खुशबू
क्या खुशबू ठहरे
ना जो
तेरी सांवरी
जुल्फ के रूबरू
तेरे आगे
ये दुनिया है
फीकी सी मेरे
बिन तू ना
होगी किसी की
भी
अब ये
ज़ाहिर सरेआम है,
ऐलान है..
जब तक
जहान में सुबह
शाम है
तब
तक मेरे नाम
तू जब तक
जहान में मेरा
नाम है
तब
तक मेरे नाम
तू जब तक
जहान में सुबह
शाम है
तब तक
मेरे नाम तू
जब तक जहान
में मेरा नाम
है
तब तक
मेरे नाम तू
उलझन भी हूँ
तेरी उलझन
का हल भी
हूँ मैं थोड़ा
सा जिद्दी हूँ
थोड़ा पागल
भी हूँ मैं
बरखा बिजली बादल
झूठे झूठी फूलों
की सौगातें सच्ची
तू है सच्चा
मैं हूँ
सच्ची
अपने दिल की
बातें दस्तख़त हाथों
से हाथों पे
कर दे तू
ना कर आँखों
पे पलकों के
परदे तू क्या
ये इतना बड़ा
काम है,
ऐलान
है जब तक
जहान में सुबह
शाम है
तब
तक मेरे नाम
तू जब तक
जहान में मेरा
नाम है
तब
तक मेरे नाम
तू जब तक
जहान में सुबह
शाम है
तब
तक मेरे नाम
तू जब तक
जहान में मेरा
नाम है
तब
तक मेरे नाम
तू
मेरे ही
घेरे में घूमेगी
हर पल तू
ऐसे सूरज के
घेरे में रहती
है
धरती ये
जैसे पाएगी तू
खुदको ना मुझसे
जुदा तू है
मेरा आधा
सा हिस्सा सदा
टुकड़े कर चाहे
खाबों के तू
मेरे
टूटेंगे भी तू रहने
हैं
वो
तेरे तुझको भी
तो ये इल्हाम
है ऐलान है..
वो
रंग भी क्या
रंग है
मिलता ना
जो तेरे होठ
के रंग से
हुबहू
वो खुशबू
क्या खुशबू ठहरे
ना जो
तेरी सांवरी
जुल्फ के रूबरू
तेरे आगे
ये दुनिया है
फीकी सी मेरे
बिन तू ना
होगी किसी की
भी
अब ये
ज़ाहिर सरेआम है,
ऐलान है..
जब तक
जहान में सुबह
शाम है
तब
तक मेरे नाम
तू जब तक
जहान में मेरा
नाम है
तब
तक मेरे नाम
तू जब तक
जहान में सुबह
शाम है
तब तक
मेरे नाम तू
जब तक जहान
में मेरा नाम
है
तब तक
मेरे नाम तू
उलझन भी हूँ
तेरी उलझन
का हल भी
हूँ मैं थोड़ा
सा जिद्दी हूँ
थोड़ा पागल
भी हूँ मैं
बरखा बिजली बादल
झूठे झूठी फूलों
की सौगातें सच्ची
तू है सच्चा
मैं हूँ
सच्ची
अपने दिल की
बातें दस्तख़त हाथों
से हाथों पे
कर दे तू
ना कर आँखों
पे पलकों के
परदे तू क्या
ये इतना बड़ा
काम है,
ऐलान
है जब तक
जहान में सुबह
शाम है
तब
तक मेरे नाम
तू जब तक
जहान में मेरा
नाम है
तब
तक मेरे नाम
तू जब तक
जहान में सुबह
शाम है
तब
तक मेरे नाम
तू जब तक
जहान में मेरा
नाम है
तब
तक मेरे नाम
तू
मेरे ही
घेरे में घूमेगी
हर पल तू
ऐसे सूरज के
घेरे में रहती
है
धरती ये
जैसे पाएगी तू
खुदको ना मुझसे
जुदा तू है
मेरा आधा
सा हिस्सा सदा
टुकड़े कर चाहे
खाबों के तू
मेरे
टूटेंगे भी तू रहने
हैं
वो
तेरे तुझको भी
तो ये इल्हाम
है ऐलान है..
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