जो तू साथ न छोड़े ता-उम्र मेरा ए मेहबूब मौत के फ़रिश्ते को भी इनकार न कर दूं तो कहनाइतनी कशिश है मेरी मुहब्बत की तासीर मेंदूर हो के भी तुझ पे असर न कर दूं तो कहना
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